2-year-old Aarti Yadav was shopping in a local market when the young man passed lewd comments about her. She slapped him in front of a large crowd. The man ran away, leaving his motorcycle behind. --NDTV NEWS

2-year-old Aarti Yadav was shopping in a local market when the young man passed lewd comments about her. She slapped him in front of a large crowd. The man ran away, leaving his motorcycle behind.
Is this how Indian young women are supposed to deal with street sexual harassment? The police came and filed a case against the ‘eve teasers‘ (or  ‘manchale’ in Hindi, I wish we used more appropriate words).
Although she did  ’take law into her own hands‘, Aarti Yadav, 22, has complete social approval and support. She was in a crowded market when her neighbour, who had been harassing her for a while, made some lewd comments; she chased him, then she kicked and slapped him, a crowd gathered (and some can be seen filming), the assailant ran away leaving his bike behind. She set it on fire.




छेड़छाड़ से तंग छात्रा ने सिखाया युवक को सबक पीटाई कर फूंकी बाइक
छेड़छाड़ से आजिज एक छात्रा ने शुक्रवार को दुर्गा का रूप धारण कर युवक को सबक सिखा दिया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय कीएक छात्रा को कटरा का रहने वाला विवेक रोज परेशान करता था। शुक्रवार को कचहरी के पास विवेक ने छात्रा के आगे बाइक लगाकर उसे रोक लिया। पानी सिर से ऊपर होने पर छात्रा ज्वाला बन गई। उसने चप्पल उतार विवेक को पीटना शुरू कर दिया। सड़क से ईंट उठाकर उसे मारा। छात्रा का रौद्ररूप देख विवेक के होश उड़ गए। वह बाइक छोड़ भाग खड़ा हुआ।

घटना से हंगामा मच गया और भारी भीड़ जमा हो गई। भीड़ केबीच छात्रा ने हिम्मत दिखाते हुए विवेक की बाइक को ईंट से तोड़ा, फिर पेट्रोल छिड़कर उसमें आग लगा दी। भरे बाजार लड़की के बाइक फूंकने से हंगामा मच गया। लोगों ने छात्रा को रोकने की कोशिश, लेकिन वहनहीं मानी। कर्नलगंज पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामला संभाला। छात्रा की तहरीर पर पुलिस ने विवेक के खिलाफ मामला दर्ज किया।
सुल्तानपुर की रहने वाली छात्रा शहर के बेली इलाके में रहकर विश्वविद्यालय सेबीए तृतीय वर्ष की पढ़ाई कर रही है। पुराना कटरा का रहने वाला विवेक सिंह उर्फ जोंटी रोज उसे परेशान करता था। कॉलेज या फिर घर जाने के दौरान वह छात्रा के पीछे लग जाता। कभी उससे मोबाइल नंबर मांगता तो कभी लेटर देने की कोशिश करता। छात्रा खामोश रहकर काफी दिन सहती रही। फिर उसने अंत में तंग आकर ये साहसिक कदम उठाया !!





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