Ravinder KaushikRavinder Kaushik worked for RAW. In Pakistan he spied with new name Nabi Ahmed. He was given the title of 'Black Tiger' by India's then homeminister S.B. Chavan. In 1983 he was caught and sentenced to death for spying. Later his death sentence was converted into life time imprisonment. India already fought with Pakistan and
China. Pakistan was preparing for another war against India. When Indian army got this information, they sent Ravinder to Pakistan as Indian Spy with the help of RAW. There Ravinder Kaushik took admission in Law College and completed his graduation in Law and then after learned Urdu. After completing graduation, he joined the Pakistani army as an officer and went up being promoted to the rank of 'Major'. He spent 30 years of his life away from his home and family in Pakistan in very unfavourable conditions, only because of his love for his country. Indian army killed more than 50 soldiers of the Pakistani army in Pahalgaon because they fought with the strategy sent by Ravinder Kaushik.
But unfortunately Ravinder was caught by Pakistan. Ravinder Kaushik spent 18 years in Pakistani jails, where he contracted Asthma and TB. He died on 21 November 2001 in a jail at Mianwali. He was buried behind that jail
भूतपूर्व एजेन्ट थे राजस्थान के श्रीगंगानगर मेँ पले बढ़े रवीन्द्र ने 23 साल की उम्र मेँ ग्रेजुएशन करने के बाद RAW ज्वाइन की थी.
भारत पाकिस्तान और चीन के साथ एक-एक लड़ाई लड़

चुका था और पाकिस्तान भारत के खिलाफ एक और युद्ध की तैयारी कर रहा था.
जब भारतीय सेना को इसकी भनक लगी उसने RAW के जरिये रवीन्द्र कौशिक को भारतीय जासूस बनाकर पाकिस्तान भेजा,रवीन्द्र ने नाम बदलकर यहाँ के एक कालेज मेँ दाखिला लिया यहाँ से
वो कानून की पढ़ाई मेँ एक बार फिर ग्रेजुएट हुए और उर्दू सीखी और बाद पाकिस्तानी सेना मेँ जासूसी के लिये भर्ती हो गये कमाल की बात है पाकिस्तान को कानोँ कान खबर नहीँ हुई कि उसकी सेना मेँ भारत का एक एजेँट है.
रवीन्द्र ने 30 साल अपने घर से दूर रहकर देश की खातिर खतरनाक परिस्थितियोँ के बीच पाकिस्तानी सेना मेँ बिताए.
इसकी बताई जानकारियोँ के बलबूते पर भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ हरमोर्चे पर रणनीति तैयार की.
पाकिस्तान तो भारत के खिलाफ कारगिल युद्ध से काफी पहले ही युद्ध छेड़ देता पर रवीन्द्र के रहते ये संभव ना हो पाया केवल एक आदमी ने पाकिस्तान को खोखला कर दिया था.
भारतीय सेना को रवीन्द्र के जरिये रणनीति बनाने का पूरा मौका मिला और पाकिस्तान जिसने कई बार राजस्थान से सटी सीमा पर युद्ध छेड़ने का प्रयास किया उसे मुँह की खानी पड़ी.
ये बात बहुत कम लोगोँ को पता है कि पाकिस्तान के साथ हुई लड़ाईयोँ का असली हीरो रवीन्द्र कौशिक है रवीन्द्र के बताये अनुसार भारतीयसेना के जवानोँ ने अपने अतुल्य साहस का प्रदर्शन करते हुये पहलगाम मेँ घुसपैठ कर चुके 50 से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिकोँ को मार गिराया.
पर दुर्भाग्य से रवीन्द्र का राज पाकिस्तानी सेना के सामने खुल गया.
रवीन्द्र ने किसी तरह भागकर खुद को बचाने के लिये भारत सरकार से अपील की पर सच्चाई सामने आने के बाद तत्कालीन इंदिरा गाँधी सरकार ने उसे भारत वापिस लाने मेँ कोई रुचि नहीँ दिखाई अततः उसे पाकिस्तान मेँ ही पकड़ लिया गया और जेल मेँ डाल दिया उस पर तमाम तरह के मुकदमेँ चलाये गये उसको टार्चर किया गया कि वो भारतीय सेना की गुप्त जानकारियाँ बता दे उसे छोड़ देने का लालच भी दिया गया पर उसने मुँह नहीँ खोला और बाद मे जेल मे ही उसकी मौत हो गयी.

ये सिला मिला रवीन्द्र कौशिक को 30 साल की देशभक्ति का भारत सरकारने भारत मेँ मौजूद रवीन्द्र से संबंधित सभी रिकार्ड मिटा दिये और RAW को धमकी दी कि अपना रवीन्द्र के मामले मे अपना मुँह बंद रखे.
उसके परिवार को हाशिये मेँ ढकेल दिया गया और भारत का ये सच्चा सपूत गुमनामी के अंधेरे मेँ खो गया।.

एक था टाइगर नाम की ये फिल्म रवीन्द्र कौशिक के जीवन पर ही आधारित है जब इस फिल्म का निर्माणहो रहा था तो भारत सरकार के भारी दखल के बाद इसकी स्क्रिप्ट मेँ फेरबदल करके इसकी कहानी मे बदलाव किया गया और इन्ही के परिवार को प्री स्क्रीनिंग देखने की अनुमति नहीं दी.. sOURCE fACEBOOK

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